चीन ने चेताया : भारतीय सेना से मजबूत है चीन की सेना - अमेरिका के बहकावे में कोई गलत कदम न उठाये भारत
पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान वैली (Galwan Valley) में सोमवार देर रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष (India-China Rift) में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए, जबकि 43 चीनी सैनिकों के भी मरने की खबर आयी है। भारतीय सेना ने बयान में कहा है कि फिलहाल जहां झड़प हुई वहां से दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं।चीन ने आरोप लगाया है कि हिंसा की शुरुआत भारतीय सैनिकों ने की थी। चीन की सेना का कहना है कि वे अमेरिका समेत अन्य देशों के बहकावे में आकर गलत कदम उठाने के बारे में न सोचे। चीन और भारत के बीच सीमा पर पहले से ही तनातनी थी कई दिनों से दोनों के रिश्तो में खटास है और कोरोना वारयस के संक्रमण को लेकर अमेरिका समेत कई देश चीन पर पहले ही आरोप लगा रहे है।
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय के मुताबिक भारत और चीन की सीमा पर 1975 के बाद पहली बार इस तरह की हिंसक झड़प हुई है, जिसमें किसी देश के सैनिक की मौत हुई है। चीन ने भारत के अड़ियल रवैये को इस हिंसक झड़प के लिए दोषी करार दिया है। चीन का कहना है कि बीते कुछ सालों में भारत सरकार न सिर्फ चीन के साथ सीमा विवाद में सख्ती से पेश आ रही है, बल्कि उन्हें स्थिति को लेकर कई सारे भ्रम भी हैं, ऐसा लगता है कि भारत ये मान चुका है चीन उसके साथ अच्छे संबंध नहीं चाहता है, लेकिन ये सच नहीं है। अमेरिका के बढ़ते दबाव के चलते भारत का रवैया चीन के प्रति बदल रहा है चीन का कहना है कि भारत में कुछ लोगों को इस बात का भी भ्रम है कि भारतीय सेना की ताकत चीनी सेना के मुकाबले ज्यादा है। इस तरह की बातें की जा रही हैं कि भारतीय सेना चाहे तो चीनी सेना को हरा सकती है।
ये सभी सच नहीं है, ये तथ्य नहीं हैं और ऐसे भ्रामक तथ्यों के जरिए बनी धारणा भी नुकसानदायक है। चीन का मानना है कि अमेरिका अपनी इंडो-पैसेफिक नीति के लिए भारत का इस्तेमाल कर रहा है। चीन ने कहा है कि वो कभी भी भारत से युद्ध नहीं चाहता है लेकिन किसी को भी इसे उसकी कमजोरी की तरह नहीं देखना चाहिए, चीन के मुताबिक भारत और चीन में कुछ मतभेद हैं जिन्हें द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। चीन ने धमकी भी दी है कि वो किसी भी हालत में भारत से शांति की शर्त पर अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।चीन और भारत दोनों काफी बड़े देश हैं जहां अरबों लोग रहते हैं. भारत को ये सपष्ट करना चाहिए कि चीन और भारत के तनावपूर्ण रिश्तों में अमेरिका के कौन से हित पूरे हो रहे हैं। क्या अब भारत ने वाशिंगटन के सामने पूरी तरह समर्पण कर दिया है?
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय के मुताबिक भारत और चीन की सीमा पर 1975 के बाद पहली बार इस तरह की हिंसक झड़प हुई है, जिसमें किसी देश के सैनिक की मौत हुई है। चीन ने भारत के अड़ियल रवैये को इस हिंसक झड़प के लिए दोषी करार दिया है। चीन का कहना है कि बीते कुछ सालों में भारत सरकार न सिर्फ चीन के साथ सीमा विवाद में सख्ती से पेश आ रही है, बल्कि उन्हें स्थिति को लेकर कई सारे भ्रम भी हैं, ऐसा लगता है कि भारत ये मान चुका है चीन उसके साथ अच्छे संबंध नहीं चाहता है, लेकिन ये सच नहीं है। अमेरिका के बढ़ते दबाव के चलते भारत का रवैया चीन के प्रति बदल रहा है चीन का कहना है कि भारत में कुछ लोगों को इस बात का भी भ्रम है कि भारतीय सेना की ताकत चीनी सेना के मुकाबले ज्यादा है। इस तरह की बातें की जा रही हैं कि भारतीय सेना चाहे तो चीनी सेना को हरा सकती है।
ये सभी सच नहीं है, ये तथ्य नहीं हैं और ऐसे भ्रामक तथ्यों के जरिए बनी धारणा भी नुकसानदायक है। चीन का मानना है कि अमेरिका अपनी इंडो-पैसेफिक नीति के लिए भारत का इस्तेमाल कर रहा है। चीन ने कहा है कि वो कभी भी भारत से युद्ध नहीं चाहता है लेकिन किसी को भी इसे उसकी कमजोरी की तरह नहीं देखना चाहिए, चीन के मुताबिक भारत और चीन में कुछ मतभेद हैं जिन्हें द्विपक्षीय बातचीत के जरिए सुलझाया जा सकता है। चीन ने धमकी भी दी है कि वो किसी भी हालत में भारत से शांति की शर्त पर अपनी संप्रभुता से समझौता नहीं करेगा।चीन और भारत दोनों काफी बड़े देश हैं जहां अरबों लोग रहते हैं. भारत को ये सपष्ट करना चाहिए कि चीन और भारत के तनावपूर्ण रिश्तों में अमेरिका के कौन से हित पूरे हो रहे हैं। क्या अब भारत ने वाशिंगटन के सामने पूरी तरह समर्पण कर दिया है?
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