रामायण की कथा असुरों के राजा रावण के विनाश के इर्द गिर्द ही घूमती है। हम सब जानते हैं कि देवी सीता ही रावण के मृत्यु का कारण बनी थीं लेकिन क्या आप यह जानते है कि यह सब पहले से ही सुनिश्चित था। जी हां, रावण का अंत श्री राम के हाथों होना पहले से ही तय था। हालांकि इसकी वजह देवी सीता बनी जो देवी वेदवती का ही पुर्नजन्म था। वेदवती देवी लक्ष्मी का ही एक अवतार थी जिन्हें सीता जी का भी एक रूप माना जाता है। रावण के साथ जो कुछ भी घटित हुआ वह सब इन्हीं के श्राप के कारण हुआ था। चलिए जानते हैं आखिर क्यों देवी वेदवती ने रावण को श्राप दिया था जिसके कारण उसकी मृत्यु हुई। एक कथा के अनुसार एक बार वेदवती नामक एक युवती वन में अपने ध्यान में लीन थी। वेदवती ब्रह्मऋषि कुशध्वज की पुत्री थी। कुशध्वज को बृहस्पति का पुत्र कहा जाता है। कहते हैं अपने जन्म के कुछ समय बाद ही वेदवती को वेदों का ज्ञान हो गया था इसलिए इनका नाम वेदवती रखा गया। वेदवती एक बहुत ही सुन्दर कन्या थी जो भगवान विष्णु की बहुत बड़ी भक्त थी। जैसे जैसे वह बड़ी हुई उसकी भक्ति के साथ भगवान के लिए उसका प्रेम भी बढ़ता गया। वेदवती
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