ILD Greens Gurgaon Sector 37-C परियोजना के निवेशकों ने जल्द से जल्द परियोजना के निर्माण और घर पर कब्जा दिलाने की अपनी मांगो को लेकर हरियाणा भू संपदा विनियामक प्राधिकरण (हरेरा) के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में निवेशक हरेरा के बाहर कड़ी धूप में तख्तियां लेकर डटे रहे लेकिन हरेरा कार्यालय बंद होने के कारण उनकी किसी से भी मुलाकात नहीं हो सकी।
खरीदारों ने बताया कि 2008 में परियोजना लांच होने के बाद तेजी से बुकिंग शुरू कर दी गई थी। बिल्डर ने 2012 में घर देने की बात कही थी लेकिन 8 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिल सका है। बिल्डर 80 से 95 फीसदी धनराशि वसूल कर चुका है। बावजूद इसके लोग अभी घर के लिए तरस रहे हैं।
कई खरीदार तो ऐसे हैं जिन्होंने बैंक से लोन ले रखा है, जिसकी EMI जा रही है लेकिन घर मिलने की कहीं कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। प्रदर्शन के दौरान खरीदारों में हरेरा की लचर कार्यशैली के प्रति भी लोगों में खासी नाराजगी दिखी।
खरीदारों ने बताया कि वर्षों तक निर्माण कार्य ठप रहने के बाद पिछले साल आईएलडी ग्रीन बायर एसोसिएशन ने हरेरा की शरण ली। जिसमें हरेरा ने बिल्डर को निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए पैसा जमा करने का भी निर्देश दिया है लेकिन बिल्डर आदेशों को नहीं मान रहा है और हरेरा भी आदेशों के उलंघन को लेकर कोई खास कार्रवाई नहीं रहा है।
खरीदारों ने बताया कि 2008 में परियोजना लांच होने के बाद तेजी से बुकिंग शुरू कर दी गई थी। बिल्डर ने 2012 में घर देने की बात कही थी लेकिन 8 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिल सका है। बिल्डर 80 से 95 फीसदी धनराशि वसूल कर चुका है। बावजूद इसके लोग अभी घर के लिए तरस रहे हैं।
कई खरीदार तो ऐसे हैं जिन्होंने बैंक से लोन ले रखा है, जिसकी EMI जा रही है लेकिन घर मिलने की कहीं कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। प्रदर्शन के दौरान खरीदारों में हरेरा की लचर कार्यशैली के प्रति भी लोगों में खासी नाराजगी दिखी।
खरीदारों ने बताया कि वर्षों तक निर्माण कार्य ठप रहने के बाद पिछले साल आईएलडी ग्रीन बायर एसोसिएशन ने हरेरा की शरण ली। जिसमें हरेरा ने बिल्डर को निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए पैसा जमा करने का भी निर्देश दिया है लेकिन बिल्डर आदेशों को नहीं मान रहा है और हरेरा भी आदेशों के उलंघन को लेकर कोई खास कार्रवाई नहीं रहा है।
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