दुनिया में इस वक्त कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का कई जगह ट्रायल चल रहा है, WHO के मुताबिक करीब 100 से अधिक वैक्सीन बनाने पर काम किया जा रहा है. जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, इजरायल, चीन, रूस, भारत जैसे देश शामिल हैं. भारत में कोरोना वायरस वैक्सीन अभी ह्यूमन ट्रायल स्टेज में है, ये वैक्सीन बनाने की दूसरी स्टेज है वही रूस ने दुनिया की पहली कोरोना वायरस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। इस बात का एलान खुद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया है।
पुतिन ने कहा कि रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस वैक्सीन को मंजूरी दे दी है। राष्ट्रपति पुतिन ने यह भी बताया कि उनकी बेटियों को यह टीका लगाया जा चुका है वो भी ठीक महसूस कर रही है। रिसर्च और मैनुफैक्चरिंग में शामिल कई लोगों ने खुद इस वैक्सीन की डोज ली है। कुछ लोगों को वैक्सीन की डोज दिए जााने पर बुखार आ सकता है जिसके लिए पैरासिटामॉल के इस्तेमाल की सलाह दी गई है। रूस का दावा है कि यह वैक्सीन उनके 20 साल के शोध का नतीजा है।
रूस के राष्ट्रपति ने कहा, 'इस सुबह दुनिया में पहली बार, नए कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन पंजीकृत हुई है ।' राष्ट्रपति पुतिन ने उन सभी को धन्यवाद किया जो इसके लिए दिन रात काम कर रहे थे। पुतिन ने यह भी बताया कि यह वैक्सीन सभी जरूरी टेस्ट से गुजरी है।
वही कई देश रूस के इस कदम को जल्दबाजी बता रहे है और इस वैक्सीन का लगातार विरोध कर रहे है। आपको बता दे रूस में इसी हफ्ते से यह वैक्सीन नागरिकों को दी जाने लगेगी।
वैक्सीन प्रॉजेक्ट के लिए फंड देने वाले रसियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड के मुखिया किरिल दिमित्रिएव ने कहा कि फेज 3 का ट्रायल बुधवार को शुरू होगा। वैक्सीन का औद्योगिक उत्पादन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। 20 देशों ने एक अरब से अधिक डोज के लिए ऑर्डर दे दिया है।
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