पुलवामा में जो हमला हुआ था उसकी जांच की चार्जशीट मिल चुकी है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने 13,500 पेज की अपनी चार्जशीट में 19 लोगों को आरोपी बताया है जिन्होंने पुलवामा हमले की जो साजिश रची और साजिश रचने वालो ने ग़लत हरकत को अंजाम दिया। चार्जशीट में लड़कियों में एक अकेली इंशा जान का नाम भी शामिल है। इंशा हमले के मास्टरमाइंड उमर फारूक की बहुत करीबी थी जिसे मार्च 2019 में मार दिया गया था।
एनआईए ने चार्जशीट में खुलासा किया है कि इंशा ने पिछले साल आत्मघाती हमले को अंजाम देने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों की हर तरह से मदद की थी। 23 साल की इंशा पाकिस्तानी बम बनाने वाले मुख्य साजिशकर्ता मोहम्मद उमर फारूक की करीबी साथी थी। वह उसके सा फोन और दूसरे सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म पर संपर्क में थी।
एनआईए ने उनकी चैट को अच्छी तरह से ढूंढा है जिससे पता चलता है कि दोनों एक-दूसरे के काफी करीब थे। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में इसे मेंशन किया है। इंशा जान के पिता तारीक पीर भी दोनों के रिलेशनशिप के बारे में जानता था। तारिक पीर ने कथित रूप से पुलवामा और उसके आसपास उमर फारूक और उसके दो साथियों की मूवमेंट में मदद की थी।
चार्जशीट में यह भी लिखा है कि इंशा जान सुरक्षाबलों के हर एक कदम की जानकारी उमर फारूक को देती थी जो जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर का भतीजा था। मसूद अजहर का नाम भी पुलवामा हमले के मुख्य साजिशकर्ता के रूप में शामिल है। उमर फारूक ने दक्षिण कश्मीर पहुंचकर छोटी-मोटी आतंकी घटनांओं में हिस्सा लेना शुरू कर दिया और उसने आतंकियों को आगे बढ़ाया
NIA अधिकारी ने खुलासा किया कि आतंकवादी इंशा के घर पर एक समय में दो से चार दिन, 2018 और 2019 के बीच कई बार रुके थे। एनआईए के अनुसार, पिता-बेटी दोनों ने उमर फारूक, समीर डार और आदिल अहमद डार को 15 से अधिक मौके पर खाना, शेल्टर और दूसरी सुविधा दी।
NIA ने जिन 19 लोगों को आरोपी बनाया है उनमें से 7 एजेंसी की कस्टडी में हैं, 7 मारे जा चुके हैं जबकि 5 फरार हैं। इनमें से 3 पाकिस्तान में हैं जबकि दो भारत में ही बताए जा रहे हैं। एनआईए ने अपनी चार्जशीट में लिखा है कि इंशा जान और शकीर बशीर के घर पर बम बनाने का काम होता था।
पिछले साल 14 फरवरी को पुलवामा हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। आतंकियों ने विस्फोटकों से भरी कार से सुरक्षाबलों की बस को टक्कर मारी थी। आदिल अहमद डार आत्मघाती हमलावर था।
एनआईए की चार्जशीट के अनुसार, आतंकियों ने पहले 6 फरवरी 2019 को हमले योजना बनाई थी। हमले की पूरी तैयारी भी की थी। मुख्य सड़क के निकट आतंकियों ने सुरक्षा बलों के वाहनों का इंतजार भी किया, लेकिन कई हिस्सों में भारी बर्फबारी के चलते उस रोज काफिला पुलवामा से नहीं गुजरा।
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