हमारे देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने अपनी कंपनी को गुरुग्राम से बाहर ले जाने का फैसला किया है। मारुति के इस निर्णय के बाद हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम प्लांट के बदले के रूप में उसे तीन जगह जमीन देने की पेशकश की है।
हरियाणा सरकार ने जिन तीन जगहों पर मारुती सुजुकी कंपनी को भूमि देने की पेशकश की है उनमें से एक मानेसर हैं, जहां मारुति की अपनी मुख्य फैक्ट्री है। इसके अलावा दूसरी सोहना और तीसरा सोनीपत में खरखौदा है। मारुति अन्य राज्यों में जमीन की तलाश कर रही है। लेकिन मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष आरसी भार्गव ने अटकलों को विराम लगी दी हैor अपना अहम फैसला सुना दिया । मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बुधवार को कहा कि मारुति का नया प्लांट हरियाणा में होगा। भार्गव ने कहा, "हम विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, लेकिन हम हरियाणा के अंदर ही कहीं और जाएंगे।"
पुरानी दिल्ली-गुरुग्राम रोड पर स्थित गुरुग्राम में कंपनी का 39 साल पुराना प्लांट, कंपनी की पहली विनिर्माण सुविधा थी और यहां सालाना लगभग 7 लाख कारें बनाने की क्षमता है। हालांकि, पिछले कुछ वर्षों के दौरान जैसे-जैसे यह शहर एक विशाल मेगासिटी में तब्दील होta गया, इस दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी के लिए 300 एकड़ के परिसर में काम करनa बहुत मुश्किल लगने लगा। कंपनी के यूनिनय के सदस्यों के अनुसार, यह प्लांट लगभग 15,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से और अप्रत्यक्ष रूप से कई लोगों को रोजगार देता है।
मारुति अपने प्लांट को अधिक बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार के साथ लगभग एक साल से बातचीत कर रही है। रिपोर्ट के मुताबिक कार निर्माता 700 से 1,000 एकड़ तक की एक नई साइट की तलाश कर रहा है। उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला जिनके पास उद्योग विभाग भी हैं, उनका कहना है कि कंपनी के लिए तीन भूमि के विकल्प पेश किए गए थे। चौटाला ने कहा, "वे वर्तमान में इन विकल्पों के बारे में जाँच-पड़ताल कर रहे हैं। हम हर संभव तरीके से उनका सहयोग करने के लिए तैयार हैं।"
भार्गव ने कहा कि गुरुग्राम से संयंत्र को स्थानांतरित करने का कदम अविश्वनीय था। उन्होंने कहा, "संयंत्र के आस-पास बहुत ज्यादा आवासीय इमारत बन जाने की वजह से भीड़ हो रही है। इसलिए, हम इस प्लांट को एक बड़े स्थान पर स्थानांतरित करना चाहते हैं।" संयंत्र के चारों ओर भारी वाहनों की आवाजाही के कारण लगने वाला जाम भी गुरुग्राम प्रशासन के लिए चिंता का विषय है।
इन तीनो भूमि विकल्पों में से, सोहना के विकल्प पर मंजूरी की संभावना बहुत कम नजर आ रही है। राज्य सरकार ने 2018 में गुरुग्राम से करीब 40 किलोमीटर दूर, आईएमटी सोहना में मारुति को 1,300 एकड़ जमीन की पेशकश की थी। हालांकि, मिट्टी के परीक्षण से इस जगह पर उच्च जल स्तर का पता चला था, जो इस तरह के प्लांट के लिए उपयुक्त नहीं है।
जबकि खरखौदा में भूमि काफी मात्रा में उपलब्ध है, मानेसर देश के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल हब में से एक है और यहां सहायक कंपनियों का पूरा पारिस्थितिक तंत्र है। यहां मारुति का खुद का भी प्लांट है जिसे उसने 2007 में खोला था। 600 एकड़ में फैला मानेसर का भूखंड, गुरुग्राम के प्लांट से आकार में दोगुना बड़ा है।
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