कोरोना वायरस के संक्रमण से फैली महामारी और उसके बाद लगाए गए लॉकडाउन ने दुनिया की रफ्तार पर रोक लगा दी है। दुनियाभर की अर्थव्यवस्था को खोखला कर दिया है। भारत में भी लाखो करोड़ों लोगों को बेरोजगार बना दिया है बेरोजगारी अपनी चरम सीमा पर है और नौकरियां लगातार लुप्त होती जा रही हैं। रोजगार न मिलने से करोड़ों युवा मायूस और हताश हैंहिम्मत तोड़ चुके है। इसी हताशा और बेबसी के चलते पानीपत के राजनगर में एक नवविवाहित जोड़े ने जान दे दी.
ये मामला पानीपत जिले के राजनगर का है। 28 वर्षीय आवेद का निकाह 10 अगस्त 2020 को विकास नगर की नजमा के साथ हुआ था। वेल्डिंग का काम करने वाले आवेद का कुछ महीने पहले काम छूट गया था। बीच-बीच में थोड़ा काम मिल जाता था। अनलॉक में उसे उम्मीद थी कि काम चल जाएगा। इस बीच उनका निकाह भी हो गया, पर कई दिन से काम ही नहीं मिल रहा था।
आवेद घर से सुबह -सुबह ये सोचकर जाता की आज तो काम आएगा ही और शाम को खाली लौट आता। इसी वजह से दोनों के बीच में कहासुनी भी होती रहती थी, जिसकी वजह से दोनों ने फांसी लगाकर अपना जीवन ही खत्म कर लिया। मामले की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और दोनों के शवों को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए सामान्य हॉस्पिटल भिजवाया। पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवा उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिए।
आवेद के बड़े भाई जावेद का कहना है कि वे एक ही घर में रहते हैं। वह पहली मंजिल पर परिवार के साथ रहता है। उनकी दो छोटी बहनें हैं, उनका भी निकाह हो गया है। एक बहन का निकाह तो आवेद के निकाह के दिन ही हुआ था। आवेद को कुछ दिन से परेशान तो देखा था, लेकिन हमें लगा कि जल्द ठीक हो जाएगा। नई-नई गृहस्थी है,वह संभाल लेगा। सुबह जावेद नीचे उतरा तो आवेद और उसकी पत्नी नजमा दिखाई नहीं दिए। खिड़की से झांक कर देखने पर पता चला कि दोनों ने फंदा लगाया हुआ था. दरवाजा तोड़कर इन्हें नीचे उतारा गया।
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